बहुमत के प्रकार
बहुमत के निम्नलिखित चार प्रकार है :-
- साधारण बहुमत (Simple Majority)
- पूर्ण बहुमत (Absolute Majority)
- प्रभावी बहुमत (Effective Majority)
- विशेष बहुमत (Special Majority)
1. साधारण बहुमत (Simple Majority): किसी सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत (50%+1) साधारण बहुमत कहलाता है । भारत में यह सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाने वाला बहुमत का प्रकार है ।
प्रयोग:
विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव जैसे – निंदा प्रस्ताव, कटौती प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विश्वास प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव आदि ।
विभिन्न प्रकार के विधेयक, जैसे – साधारण विधेयक, धन विधेयक, वित्त विधेयक
2. पूर्ण बहुमत (Absolute Majority): सदन के कुल सदस्यों का आधे से अधिक (50%+1) सदस्यों का बहुमत पूर्ण बहुमत कहलाता है । इसका प्रयोग केवल आम चुनावों में बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने में होता है ।
जैसे – लोक सभा के मामले में पूर्ण बहुमत= 543/2 + 1 = 272
3. प्रभावी बहुमत (Effective Majority): इसे तात्कालीन सदस्यों का बहुमत (then majority) भी कहा जाता है । प्रभावी सदस्य संख्या प्राप्त करने के लिए सदन के कुल सदस्य संख्या में से रिक्तियों को घटा दिया जाता है । इस प्रकार प्राप्त संख्या के आधे से अधिक (50%+1) सदस्यों का बहुमत, प्रभावी बहुमत कहलाता है ।
जैसे: लोक सभा के मामले में कुल सदस्य संख्या 543 में से 9 स्थान रिक्त हैं । तो प्रभावी सदस्य संख्या 543 - 9 = 534 होगी ।
प्रभावी बहुमत = 534/2 +1 = 267+1=268
प्रयोग:
- लोकसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने में
- राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति को हटाने में
- राज्य विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने में
- राज्य विधान परिषद् के सभापति एवं उपसभापति को हटाने में
4. विशेष बहुमत (Special Majority): विशेष बहुमत चार प्रकार के होते है:
a. उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत
उदाहरण – लोकसभा में किसी दिन उपस्थति सदस्यों की संख्या मात्र 200 थी । और विधेयक पर मतदान केवल 180 लोगों ने किया इस प्रकार 180 ×2/3 = 120 सदस्यों का समर्थन विशेष बहुमत होगा ।
प्रयोग: अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 312 के अंतर्गत राज्यसभा में विधेयक पारित करने हेतु
b. उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत जो कुल के आधे से कम न हों ।
राज्यसभा के मामले में – कुल सदस्य संख्या 245 का आधा = 123
यदि उस दिन राज्यसभा में 200 लोग उपस्थित थे और 180 लोगों ने मतदान किया इस प्रकार 180×2/3 = 120 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ जो सदन के कुल सदस्य संख्या के आधे (123) से कम है इस प्रकार ये विधेयक पारित नहीं होगा ।
प्रयोग: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG), मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC), सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जैसे महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को हटाने में- मूल अधिकार, नीतिनिदेशक तत्वों, आदि में संशोधन
c. उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत जो कुल के आधे से कम न हो + कम से कम आधे राज्यों का अनुसमर्थन
प्रयोग: राष्ट्रपति का निर्वाचन एवं प्रक्रिया, केन्द्र की कार्यकारणी शक्ति का विस्तार, राज्य कार्यकारणी शक्ति का विस्तार, केन्द्र विधायी शक्ति का विस्तार, राज्य विधायी शक्ति का विस्तार, GST परिषद्, 7वीं अनुसूची से संबंधित विषय, संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व, स्वयं अनुच्छेद 368 में संशोधन, इत्यादि ।
d. कुल सदस्य संख्या का 2/3 बहुमत
उदाहरण – लोकसभा के मामले में – कुल सदस्य संख्या 543 का 2/3 = 362 सदस्यों का समर्थन विशेष बहुमत होगा ।
प्रयोग: इस प्रकार के बहुमत का एक मात्र प्रयोग राष्ट्रपति को पद से हटाने में किया जाता है ।
By: M.M Alam
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